नई दिल्ली। Belly Fat: फैट हमारे शरीर में कई तरह से जमा होता रहता है और ये कई तरह का होता है। ब्लड लिपिडस मतलब ब्लड में मौजूद फैट, सबक्यूटेनियस फैट यानी त्वचा के ठीक नीचे वाला फैट। विसरल फैट यानी अंदरूनी अंगों पर जमने वाला फैट। जो हार्ट, लंग्स, लिवर और शरीर के दूसरे ऑर्गन्स के आसपास जमा होने लगता है।हमारे शरीर के फैट में 'अल्फा 2' और 'बीटा 3' नाम के रिसेप्टर्स होते हैं। बीटा 3 रिसेप्टर फैट घटाने में सहायक होते हैं। मतलब शरीर के जिन हिस्सों में बीटा 3 रिसेप्टर होते हैं वहां का फैट कम करना आसान होता है, वहीं अल्फा 2 रिसेप्टर फैट घटाने के प्रोसेस को मुश्किल बनाता है, तो पेट, कमर और हिप एरिया के फैट में अल्फा 2 रिसेप्टर होते हैं, इसलिए इन जगहों का फैट कम करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
पेट पर जमे फैट को कम करने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि टमी फैट किस प्रकार का है। टमी फैट भी कई तरह के होते हैं, इनके प्रकारों का पता लगाकर उस हिसाब से डाइट कंट्रोल कर और एक्सरसाइज की शुरुआत कर टमी फैट को कम किया जा सकता है। आइए, जान लेते हैं अलग-अलग टमी फैट के बारे में।
लो बैली फैट
इसमें पेट नीचे की
ओर बहुत ज्यादा निकला होता है। जो अलग ही से नजर आता है। अपर बॉडी नॉर्मल होती है, लेकिन पेट का निचला हिस्सा लटका हुआ दिखाई देता है। इस तरह के फैट के लिए लगातार बैठकर काम करना और अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स जिम्मेदार होती हैं।
क्या करें
खानपान से मीठी चीज़ें आउट कर दें।
नमक की मात्रा भी कम कर दें।
रोजाना 7-8 ग्लास पानी पिएं।
ऑयली फूड्स का सेवन कम करें।
नियमित एक्सरसाइज है सबसे ज्यादा जरूरी।
टायर बैली फैट
इसमें फैट इतना ज्यादा बढ़ा हुआ होता है कि वो टायर के रूप में बाहर निकला हुआ होता है। इसकी भी वजह फिजिकल एक्टिविटी की कमी और बहुत ज्यादा जंक, प्रोसेस्ड फूड का सेवन होता है। साथ ही वक्त पर खाना न खाना, ज्यादा मात्रा में कैफीन, शुगरी ड्रिंक्स का सेवन है।
क्या करें
सबसे पहले तो कोल्ड ड्रिंक, मीठी चीज़ों का सेवन बंद कर दें।
कॉर्डियो वर्कआउट्स को अपने रूटीन में शामिल करें।
ब्लोटेड बैली फैट
नाम से ही क्लीयर हो रहा है ब्लोटिंग की वजह से निकलने वाला पेट। पाचन से जुड़ी समस्याओं की वजह से गैस या ब्लोटिंग होती है। जिसके चलते पेट फूला हुआ नजर आता है।
क्या करें
डाइट में फाइबर रिच फूड्स की मात्रा बढ़ाएं।
ऑयली, जंक फूड खाने से बचें।
खाने के बाद बैठना, सोना अवॉयड करें।
सोने से कम से कम दो से तीन घंटे पहले खा लें।
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